पृष्ठ:यंग इण्डिया.djvu/३११

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पंजाबकी गैर सरकारी रिपोर्ट।

(मार्च ३१, १६००)

जिस रिपोर्टकी सारा देश प्रतीक्षा कर रहा था वह प्रकाशित हो गई। जिस सुव्यवस्थित तरीकेसे तथा संयमसे कमिश्नरोंने काम किया है, इस विकट तथा कठिन भारको निबाहा है उसके लिये उन्हें बधाई है। रिपोर्ट में जिन बातोंका समावेश है उससे ही उसकी महत्ता प्रगट होती है फिर कमेटीके सदस्योंकी नामावली उसे और भी महत बना देती है। कमिश्नरोने रिपोर्टमें जो कुछ लिखा है पूरे बयानके आधार पर लिखा है। अपने मनसे उन्होंने एक अक्षर भी नहीं लिखा है। इसलिये पाठक, यदि चाहे तो स्वयं ही परिणामकी जांच कर सकते हैं। शिफारिसे न तो अधिक हैं न कमजोर हैं। कमिश्नरोंने दृढ़ता और साहसके साथ लिखा है कि बड़े लाट वापिस बुला लिये जाय, और सर माइकल ओडायर, जेनरल डायर आदि सभी नशंस अधिकारी नौकरीसे छोड़ा दिये जायं। ये ही दो शिफारिसे हैं जिन पर किसी तरहका मतभेद और वादविवाद हो सकता है। पर कमिश्नरोंने प्रत्येक शिफारिसोंके लिये यथेष्ठ और निर्विवाद कारण बतलाये हैं। इसलिये यदि उनके उल्लिखित कारणोंको सार्थक- तामें किसी तरहका मतभेद नहीं है तो उनकी शिफारिसोंपर भी कोई मतभेद नहीं हो सकता।