पृष्ठ:यंग इण्डिया.djvu/३१५

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पंजाबमें दण्ड विधान ।

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( अप्रेल ७, १९२१ )

कांग्रेस पंजाब सब कमेटी ने वाइसराय पर अदूरदर्शिता का दोष लगाया है। फांसीके दण्ड प्राप्त पांच अभियुक्तों में से दो के दण्ड की कमी की प्रार्थना पर कान न देकर बड़े लाटने उक्त दोषारोपण को चरितार्थ कर दिया है। प्रिवी कौंसिल ने भी इनकी अपील खारिज कर दो पर इससे इनका दोषी होना उसी तरह प्रमाणित नहीं हो सकता जिस तरह सैनिक अदालतको कार्रवाइयो का खण्डन कर देना उन्हें निर्दोष नहीं सावित कर सकता था। इसके अतिरिक्त सम्राट की घोषणा का जो अर्थ पंजाब करवारने लगाया है उसके अनुसार ये अभियुक्त भी उस घोषणा के अन्दर आ जाते हैं। जिन लोगों की इन लोगों ने हत्यायें की हैं उनके साथ किसी तरहका व्यक्तिगत वैमनस्य नहीं था। यद्यपि ये हत्यायें बहुत भीषण हैं तथापि इनका प्रादुर्भाव राजनैतिक कारणसे हुआ था। इसके अतिरिक्त इन हत्याओं तथा आतिशजनीके लिये काफी मोजरा ले लिया गया है । ऐसी अवस्थामें साधारण बुद्धि भो इन दण्डोंके कम करनेके पक्षमें हागी। सर्वसाधारणको विश्वास है कि ये अभियुक्त सर्वथा निर्दोष हैं और उनका विचार न्यायकी