पृष्ठ:यंग इण्डिया.djvu/३२३

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बड़े लाटकी कार्य क्षमता


सकती हूं कि भारत ही एक ऐसा देश है जहांकी स्त्रियों में इतनी अधिक हया होती है कि जबतक वे एक दमसे विवश न हो जाये इस तरहकी बातें मुंहपर ला ही नहीं सकती चाहे उनके साथ कितना भी भीषण बलात्कार क्यों न किया गया हा।

भारत सरकारने लिखा है कि प्रतिहिंसाके कारण इस तर- हक बयान दिये गये हैं। इस तरहका बातें कवठ अविश्वसनीय और अयाग्य ही नहीं है बल्कि इनकी माथकताका नाश भारत सरकारके ही कथनसे हो जाता है कि उस समय किसी तरहकी शिकायत नहीं की गई और जब उस कमेटीने अपनी जांच शुरू की जिससे उन्हें डरनेका कोई कारण नहीं था नब इन बातोंका पता लगने लगा।

भारत सरकारकं तारके अन्तिम शब्दका इन आक्षेपोंसे क्या संबंध है इसका पता तो इसके पढ़नेसे नही लगता पर इसमें एक बात जानने लायक है और वह यह कि जिस विशेष अदाल- नने इन अभियुक्तोंकी जांच की उनके पास इन लोगोंके बारे में गुप्त सूचनाये थी।

इतने भीषण आक्षेपोंका प्रतिवाद इस प्रकारके निरर्थक प्रमाणों द्वारा करना जेनरल डायर आदिके मित्रोको भले ही सन्तोष जनक प्रतीत हो पर मुझे पूरा विश्वास है कि यहांकी जनता इतनी आसानीसे इन प्रमाणोंका न स्वीकार कर लेगी और भारतकं वे निवासी जो देशमें कुछ भी श्रद्धाभक्ति रखते है सर. कारके इन प्रतिवादो पर जरा भी ध्यान न देंगे। क्योंकि