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पंजाबकी दुघर्टना

प्राय: देखने में आता है कि नोच पेशेकी स्त्रियां इन्हीं शब्दोंमें शिकायत करती हैं। डिपटी कमिश्नरका कहना है कि इन आक्षेपोंका कोई आधार नहीं है और ये झठ हैं। यह केवल प्रतिहिंसामे किये गये हैं जिससे उन कर्मचारियों को दण्ड मिले जिन्होने मार्शल लाके दिनोंमें लूटका माल वरामद करनेमे बड़ी चेष्टा की और सैनिक अदालतके सामने इनके विरुद्ध गवाहियां दीं।

परना जातिके दो आदमी गिरफ्तार करके मुकदमा चलाये जानेके लिये लाहोर भेजे जा रहे थे। रेलवे स्टेशन पर उन्होंने बड़ो शोर गुल मचाई। अपन घरवालोंसे कहा कि इन कांस्टेबिलोंपर रिश्वत लेनेका मुकदमा अवश्य चलाना। उन्होंने इस बातकी भा धमकी दी कि यदि हमलोग छूट गये तो इन कांस्टेबिलोंकी स्वयं ग्वबर लेंगे। जिस विशेष अदालतने नेशनल बंकर्क अभियोग पर विचार किया उसके पास इसके सम्बन्धमें दो गुप्त प्रमाण थे!