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( जून २३, १९२० )
अलाहाबाद के लीडर पत्र में उसके संवाददाताका एक पत्र
प्रकाशित हुआ है । लीडरके संवाददाताने मिस्टर वस्वर्थ
स्मिथके सम्बन्धमें कुछ बातें लिखी हैं। मिस्टर वखर्थ स्मिथ
पंजाब मार्शल लाक एक अफसर थे। मार्शल लाके दिनों में उन्होंने
पंजाब के निवासियों को यथालाध्य सताने और तगं करनेमें खूब
ख्याति प्राप्त की है। लोडरके संवाददाताके पत्रसे प्रगट होता
है कि इम करनीके लिये वरखाश्तगोके बदले उसकी तरकी की
गई है। मार्शल लाके कुछ ही दिन पहले मिस्टर वस्पर्थ स्मिथकी
तनज्जुलो हुई थी अर्थात् अपने पदसे नीचे उतार दिया गया था।
पर अब लीडर के संवाददाता के पत्रसे विदित होता है कि वह
अपने पूर्व पदपर मुस्तकिल कर दिया गया । वह पुनः दूसरे दर्जेके
डिपटी कमिश्नर बना दिया गया-जिस पद से वह उतार दिया
गया था-और जाबिता फौजदारी की ३०वीं धाराका उसे अधिकार
भी दे दिया गया है। जबसे वह अम्बाला की छावनी में पहुंचा है
वहांकी दीन हीन गरीब प्रजा जुलम और त्रासके मारे त्राहि त्राहि
पुकार रही है । इस संबंध लीडरका संवाददाता लिखता है:-
'जुल्म और त्रास' शब्दका प्रयोग मैंने जान बभकर किया है,