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पंजाबियोंका कर्तव्य


तरक्की की जा रही है ! प्रश्न यह उठता है कि अभी तक यह सरकारी नौकरीमें क्यों कर बहाल रह गया और उसपर निर्दोष नर नारियोंके तंग करने तथा मारनेका अभियोग क्यों नहीं चलाया गया ?

हमने सुना है कि सर माइकल ओडायर और जेनरल डायरके ऊपर मुकदमा चलानेका विचार हो रहा है। इसकी सार्थक. नापर हम यहां कुछ नहीं लिखना चाहते। जेनरल डायरके ऊपर मुकदमा चलाये जानेपर मिस्टर शास्त्रीको जोर देते सुनकर हमे बड़ा खेद हुआ। यदि अंग्रेज जाति अपने मनसे इनपर मुकदमा चलाना चाहती है तो हमें अतिशय प्रसन्नता होगी क्योंकि इससे प्रगट होगा कि जलियांवाला बागकी दुर्घटनास वे सहमत नहीं है पर हम इस तरहकी व्यर्थ और निरर्थक कार्रवाई के लिये अपनी ओर से एक पैसा भी नहीं खर्च करना चाहते। जो कुछ हो रहा है उससे अंग्रेजोंकी मानसिक स्थितिका पूरा पता चल गया है ।

इङ्गलेण्डके प्रायः सभी समाचार पत्रोंने इन अत्याचारियों को रक्षा तथा इनको घृणित करनीको छिपानेकी चेष्टा की है। उनपर गुप्त या प्रगट अभियोग चलाये जानेकी चर्चासे हम उन्हें और जोरदार बनाना चाहते हैं। यदि हम भारतको उनकी पूरी तरहसे वरखास्तगीके लिये ही राजी कर सके तो हम सन्तुष्ट हैं। पर सर माइकल मोडायर, और जेनरल डायरको बरखास्तगीले आवश्यक कर्नल ओब्रायन, मिस्टर

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