पृष्ठ:यंग इण्डिया.djvu/३७९

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पेनिंगटनके प्रश्र्नोंका उत्तर

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किसी तरहके विवेकके गिरफ्तारियां होती रहीं, निर्दोषोंकी हत्यायें होती रहों और अधिकारियों की तरफसे हरतरहके अत्याचार होते रहे।

मुझे इस बातका अतिशय प्रसन्नता है कि मिस्टर पेनिङ्गटन सत्यको जांच के लिये बड़े ही उत्सुक हैं और इसके लिये मै उन्हें हृदयसे बधाई देता हूं। पर मुझे खेदके साथ लिखना पडता है कि मिस्टर पेनिङ्गटनने अपने इस प्रयास में गलत मार्गका अनुसरण किया है। मेरी सलाह है कि सबसे पहले वे उन गवाहियोंको पढ़ें जो हण्टर कमेटी और कांग्रेस सबकमेटीके सामने दी गई थी। उन्हें दोंनो रिपार्टी के पढ़नेकी कोई आवश्यकता नहीं है। केवल गवाहियाकं पढ़नेसे उन्हें विदित हो जायगा कि जेनरल डायरके अपराधको जो रूप मैंने दिया है उससे वह कही भीषण है।

मिस्टर पेनिङ्गटनने अपना परिचय निम्नलिखित शब्दों में दिया है:---'दक्षिण भारतके किमी जिलेका चीफ मजिस्ट्रेट, जिसने शासन सुधारके पहले बारह वर्ष तक काम किया और इत्यादि अत्याचारोंद्वारा विख्यात हो गया। इसे पढ़कर मुझे हताश होना पड़ा, क्योंकि मिस्टर पेनिङ्गटन किसी भी अवस्थामें सच्ची हालात नहीं जान सकेंगे। क्रुद्ध या पक्षपातसे भरा मनुष्य सत्यको जांच के लिये सर्वथा अयोग्य है। और मिस्टर पेनिंगटन क्रुद्ध भी है और पक्षपातसे मरे भी हैं। जो शब्द उन्होंने अपने बारेमें लिखे हैं उनसे