पृष्ठ:यंग इण्डिया.djvu/४२७

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प्रश्नोंका प्रश्न


साथ काम करेंगे। पर जिस दिन मुझे यह मालूम होजायगा कि मुसलमानोंने हिंसाकी प्रवृत्ति दिखलाई है या इसके लिये यत्न किया है तो मैं तुरन्त मुसलमानोंका साथ छोड़ दूंगा और प्रत्येक हिन्दुसे तथा अन्य उनलोगोंसे जो मेरी बात मान- नेके लिये तैयार होंगे मुसलमानोंका साथ छोड़ देनेकी सलाह दंगा। इसलिये मेरा कहना है कि प्रत्येक व्यक्तिको घोरसे घोर उत्तेजना मिलने परभी पूरी तरहसे आत्मसंयमसे काम लेना चाहिये। यदि ढ़ताके साथ नम्रताका संयोग कर दिया गया तो विजय असम्भावित है। पर यदि क्रोध, रोष या आवेशसे काम लिया गया तो पतन अवश्यम्भावी है इसका अन्तिम परिणाम यह है कि हिंसाका राज्य छा जायगा। यदि मेरा कोई भी साथी म रह जाय और मुझे अकेले रहना पड़े तोभी मैं प्राणपणसे इसके दबानेकी चेष्टा करगा। मेरा लक्ष्य सारे विश्वके साथ मैत्री स्थापित करना है। इसके लिये मैं प्राणपणसे चेष्टा करूगा और बराईका विरोध करते हुए विश्वप्रेम स्थापित करनेका प्रयत्न करूंगा।