वही सरकार कर सकती है जिसे अधिकार ने एकदम से उन्मत्त क दिया है ।
पर इसके अलावा इस आन्दालनके दूसरे पहलू भी हैं। उनकी चर्चा निम्न लिखित सरकारी सूचना पत्रमें दी गई है:---
"आठवीं तारीख को पेशावर और जमरूद के बीचमें कचोगढ़ी
नामक स्थानपर महाजरीनों के सम्बन्ध में एक शोचनीय दुर्घटना
उपस्थित हो गई। जो समाचार मिल सका है वह नीचे प्रकाशित किया जाता है। महाजरीनों का एक दल रेल द्वारा जमरूद
जा रहा था। उनमें से दोके पास टिकट नहीं था। ब्रिटिश मिलिटरी पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया। इस्माइलिया कालेज स्टेशन पर दङ्गा मच गया । इतनेमें गाड़ी कच्चीगढ़ी पहुची। यहां पर इन दानों महाजरीनोंको गिरफ्तार कर लेनेकी चेष्टा की गई। इमपर प्रायः ४० महाजरीनोंने ब्रिटिश मिलिटरी पुलिस पर हमला किया और जिस ब्रिटिश अफसरने विचौता करनेकाक्षप्रयास किया था वह बुरी तरह घायल हुआ। इसपर कच्चीगढ़ी- की सैनिक सेनाने गोली चलाई । जिससे एक महाजरीन मारा 'नया, एक घायल हुआ, तीन गिरफ्तार किये गये। सैनिक और पुलिस दानों घायल हुए । मरे हुए महाजरीनोंका शव पेशावर भेज दिया गया और हवींको वह गाड़ दिया गया। इस दुर्घटनासे पेशावरमे बड़ी हलचल मची हुई है। खिलाफत हिजारत कमेटी उत्जेनाको शान्त करनेकी पूरी चेष्टा कर रही है। इवोंके प्रान:---काल प्राय: सभी दूकानें बन्द थीं। इस घटनाकी जांच होरही है।"