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विटिश साम्राज्यवाद

चाहती है। मसूलकी तेलको खानोंपर वह अधिकार रखना चाहता है, बाटुम तथा बाकूकी तेलको खानोंपर भी वह कब्जा करना चाहता है। कूस्तुन्तूनिया उसके हाथमें है। आण्डि-यानोपुल यूनानियोंको देकर और बेनिजलोपर कृपाओंकी वर्षा-कर वह हेलनके लिये बीजएटाइन साम्राज्यकी स्थापना करके उसे निकटपूर्वमें अपना सबसे प्रधान अनुयायी बनाना चाहता है और उसका प्रयोग तुर्को राष्ट्रीयता तथा रूसियोंके विरुद्ध करना चाहता है अर्थात् इङ्गलैंड अपनी छत्रछायामें सारे संसारको लाना चाहता है।"

जिम समय फांसने राइन प्रदेशपर अधिकार कर लिया था उस समय ब्रिटनके समस्त राजनीतिज्ञ और स्वयं लायड जार्ज फ्रांसपर यह दोषारोपण कर रहे थे कि वह उसे फ्रांसमें मिलाने-की चाल चल रहा है। उस दोषारोपणका प्रतिवाद करते हुए ला टेम्पसने इन शब्दोंमें ब्रिटिश नीतिज्ञोंकी निर्भत्सना की है :- “मिस्टर लायड जार्ज इस बातको भलीभांति समझते हैं कि फांस और ब्रिटनकी मैत्री कायम रखनेके लिये किसी भी 'ब्रिटिश राजनीतिज्ञको यह उचित नहीं है कि वह फरांसीसियों पर साम्राज्यवादका दोष लगावे चाहे वह किसी समाचारपत्रका सम्पादक ही क्यों न हो। इस तरह के आक्षेप वह अस्त्र हैं जो उलटा ही आकर पड़ते हैं। यद्यपि ब्रिटिश साम्राज्य अति वेगसे बढ़ता जा रहा है फिर भी हम लोग यह कहनेका कभी भी साहस नहीं करते कि इसका शासनाधिकार चन्द साम्राज्यवादियोंके