पृष्ठ:यंग इण्डिया.djvu/८९

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एक्ट की घोषणा करके हो अन्योगियों की प्रगति रोकने का प्रयन नहीं किया गया बल्कि दफा १४४ और क्रिमिनल प्रोसीडचेर कोड (जाब्ता फौजदारी) के मुचलके और जमानत वाले दफाओं का भी बहुत ही अवैध और अत्याचारपूर्ण उपयोग किया गया।

सरकारी नौकरोंका अमन खोलना।

गवर्नमेण्ट सर्वेण्ट कण्डक्ट रूल्स (जिनमें सरकारी कर्मचारियों को किसी प्रकार के राजनीतिक आन्दोलन में योग देना मना है) में कुछ संशोधन करके जिलों के कर्मचारियों को राजनीतिक आन्दोलनों में शामिल होने की अनुमति दी गयी और इस प्रकार उनके लिये अमन सभाओं को खापित करने में मनुचित दबाव डालने का मार्ग खोल दिया गया। इन संस्थाओं के सदस्यों के सामने यह प्रलोभन रहता है कि उनके साथ अधिपारी किसी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं कर सकते। कुछ दिनों तक तो कुछ नरमदलवाले भी इन सभाओं की कारवाइयों में सम्मिलित होते रहे पर जब उनको इन संस्थानों के वास्तविक खकपका ज्ञान हो गया तो प्रमुख लिबरलों ने अपना पद त्याग कर दिया। लोगोंको जबर्दस्ती सरकार का प्रेमी बनाने का प्रयास किया गया पर बुरी तरह मसफल रहा। जो मजिस्ट्रेटों ने सरकार को हिदायतों का अन्धा होकर पालन किया। इन लोगों शासन को क्षणिक जबरतों के सामने अपनी खतब पुतिको