पृष्ठ:योगवाशिष्ठ भाषा प्रथम भाग.djvu/३

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योगवाशिष्ठ की अनुक्रमणिका। प्रथम भाग। सर्गात विषय पृष्ठा सङ्क विषय पृष्ठाङ्क सङ्क विषय पृष्ठाक भूमिका १ So ८४ ... ८७ ... ... प्रथम वैराग्यप्रकरण । १ वैराग्यकथारम्भ ३ २ वैराग्य और तीर्थ यात्रा ३ विश्वामित्रगमन १२ ४ दशरथविषाद ५ दशरथोक्ति ६ रामसमाज १८ ७ रामेण वैराग्य २४ ८ लक्ष्मीनैराश्य ९ संसारसुखनिषेध २८ १० अहंकारदुराशा ११ चित्तदौरात्म्य १२ तृष्णागारुड़ो १३ देहनैराश्य ३८ १४ वैराग्यवाल्यावस्था १५ युवागारड़ी १६ स्त्रीदुराशा १७ जरावस्थानिरूपण ५३ १८ कालनिरूपण १९ कालविलास ५८ २० कालजुगुप्सा २१ कालविलास ६० २२ सर्वपदार्थाभाव २३ जगविपर्यय २४ सर्वान्तप्रतिपादन २५ वैराग्यप्रयोजन २६ बनम्पत्यामवर्शन २७ सिद्ध समाज ७२ २८ मुनिसमाज ७३ द्वितीय मुमुक्षप्रकरण। १ मुनिशुकदेवनिर्वाण ७६ २ विश्वामित्रोपदेश ... ३ असंख्यसृष्टिप्रति- पादन ४ पुरुषार्थोपक्रम ५ पुरुषार्थनिरूपण ६ परमपुरुषार्थ ७ पुरुषार्थोपमा ८ परमपुरुषार्थ ९ तथा १० वशिष्ठोपदेशगमन ११ वशिष्ठोपदेश ९८ १२ तत्वज्ञमाहात्म्य १३ शमनिरूपण १०५ १४ विचारनिरूपण १५ सन्तोषनिरूपण १६ साधुसंगनिरूपण १७ षट्प्रकरणविवरण १८ दृष्टान्तप्रमाण १२३ १९ बारमप्राप्तिनिरूपण .. १२९ तृतीय उत्पत्तिप्रकरण। १ बोषहेतु २ प्रथम सृष्टि १३४ ३ बोषहेतु ४ तथा १३९ ५ प्रयलोपदेश ६ दृश्य असत्य प्रतिपादन १४६ ७ सच्छास्त्रनिर्णय १४९ ८ परमकारण ९ परमात्मस्वरूप १५५ १० परमार्थरूप ११ जगदुत्पत्ति १२ स्वयम्भुव-उत्पत्ति १३ सर्वब्रह्मप्रतिपादन १६५ १४ परमार्थ प्रतिपादन १७० १५ विश्रान्तिनिरूपण १८४ १६ विज्ञानअभ्यास १८७ १७ लीलाविज्ञानदेहा- काशसमागमन १९० १८ सीलोपाख्यान आकाशगमन १९ तथाभूलोकगमन १९२ २० तथा सिद्धिदर्शनहेतु- कथन १९३ २१ तथा जन्मान्तर १९५ २२ तथा गिरिग्राम १९८ २३ पुनराकाश २४ ब्रह्माण्ड २०२ २५ लीलोपाख्याने गगन- नगरयुद्धप्रेक्षकान्वित २०३ २६ लीलोपाख्याने रण- भूमि २०५ २७ तथा द्वन्द्वयुद्ध २८ तथा स्मृत्यनुभव २०७ २९ तथा प्रान्तिविचार ... .. ... . ...