पृष्ठ:योगवासिष्ठ भाषा (दूसरा भाग).pdf/११

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नाम की रु ५) भगवद्गीता--श्रीमधुसूदनसरस्वतीकृत मधुसूदनीठीका सहित, .... 5 भगवद्गीता–रामानुजभाष्य ( विशिष्टाद्वैतपर ) ०२ । भगवद्गीता-सदानन्दस्वामिकृन इलोकबद्धभावप्रकाशटीकासमेत.... 9 भगवद्गीता–बडा अक्षर १६ पेजी गुटका रेशमी 5 भगवद्गीता-बालबोधिनी टीकासमेत. .... ... ... । । भगवद्गीता-बडे अक्षरकी १२ पेजी खुली. भगवद्गीता-गुटका-रेशमी जिल्द बिष्णुसहस्रनाम सहित, ॐ भगवद्गीता--गुटका पाकिट बुक ( ६४ पेजी ) ..., K भगवद्गीता-गुटका महीन अक्षर ( तावीजी. ) .... । भगवद्गीतादि पंचरत्न-इसमें गीता, विष्णुसहस्रनाम, भीष्मस्तवराज, अनु- स्मृति और गजेन्द्रमोक्ष हैं मोटा अक्षर रेशमी गुटका. ६) भगवद्गीता--अक्षर बडा खुलायत्री छोटी सची. .... ... .... । भगवद्गीता--अक्षर वडा खुलापत्रा लची सची. ... भगवद्गीतादि पंचरल–भापाटीकासमेत बडा अक्षर.... ) भगवद्गीतादि पंचरत्न-भाषाटीकासमेत छोटो अक्षर गुटका. .... , भगवद्गीतादि पंचरत्न-बादशरत्न । इसमें गीतामाहात्म्य, गीता संग्रह, ॐ गीता, अच्युताष्टक, विष्णुसहस्रनाम, गापमोचन, भीष्मस्तवराज, अनु- स्मृति, गजेन्द्रमोक्ष, अष्टादशश्लोकी गीता, सप्तश्लोकी गीता और चतुः- ।। श्लोकी भागवत है. .... ... .... .... ....। ६) भगवद्गीतादि पञ्चरत्न--एकादशरत्न । इसमे--गीतामाहात्म्य, गीतार्थ- | संग्रह, गीतामगलाचरण, गीता, विष्णुसहस्रनाम, भीष्ास्तवराज, अनु- । स्मृति, गजेन्द्रमोक्ष, अष्टादशश्लोकी गीता, सप्तश्लोकी गीता, चतुःश्लोकी भागवतादि हे अक्षर बडा है. ... ... ... .... 5 भगवद्गीतादि पञ्चरन--नवरत्न । इसमे-गीतामगल, विष्णुसहस्रनाम, भीष्मस्त- वराज, अनुस्मृति, गजेन्द्रमोक्ष, चतुःश्लोकी भागवत, सप्तश्लोकी गीता, आचा- यंकृत अष्टपदी, विष्णोरष्टाविंशतिनामस्तोत्र सहित, ( पाकिटबुक ) 5 भगवद्गीता-सरल गुजराती अर्थ सहित विलायती कपडेकी सुनहरी जिल्द ... । ११ तथा बायडिग पुडेकी जिल्द .... पुस्तक मिलनेका ठिकाना. खेमराज श्रीकृष्णदास, श्रीवेङ्कटेश्वर' स्टीम् प्रेस-वैवई.