पृष्ठ:योगवासिष्ठ भाषा (दूसरा भाग).pdf/९६३

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के विक्रय वेदान्तग्रन्थ-भाषा नामपुस्तक. की. ९ अर, अनुभवप्रकाश:- ( वेदांत ) योगेश्वर श्री १०८ वनानाथजी कृत मारवाडी भाषा । इसमें-गुरुकी महिमा, योगीकी प्रशंसा, सन्तोंका प्रभाव, मनको चेतावनी, वेदान्तोंके पद तत्त्वमस्यादि वाक्योंका सार, आसावरी, सोरठ वसन्त, गुजरी आदि अनेक रागों में वर्णन किया है. ... ०-८ अभिलाखसागर--भांपामें स्वामी अभिलाखदास उदासी कृत । इसमें--वन्दनविचार, ग्रन्थविचार, मार्गविचार, भजनविचार, जडब्रह्मविचार, चैतन्यब्रह्मविचार, निराकारब्रह्मविचार, मिथ्याब्रह्मविचार, अहेवह्मविचार, ब्रह्मविचार, वर्तमान ब्रह्मविचारादि विषय अच्छीरीतिसे वर्णित हैं ... ... ... ... ... ... ... ... १-८ अध्यात्मप्रकाश--श्रीशुकदेवजीप्रणीत-कवित्त, दोहे, सोरठे, छन्द, चौपाई इत्यादिमें वेदान्तका अपूर्व ग्रन्थ है. ... ०-३ अमृतधारा--वेदान्त भाषाछन्दोंमें भगवानदास निरजनीकृत वेदान्तकी प्रक्रिया छन्दोंमें लिखीगई है. ... ... ०--१० आत्मपुराण-भाषामें दशोपनिषदोंका भावार्थ श्रीमत्परमहंस परिव्राजकाचार्य चिद्धनानंन्द स्वामीकृन. ... ... ... १२-० आनन्दामृतवर्षिणी-आनन्दगिरि स्वामिकृत-गीताके कठिन । शब्दों का प्रतिपादन अर्थात् यह वेदान्तका मूल है. ... ०-१२ एकादशस्कन्ध-भपाने चतुरदासजी कृन भागवतके एका दश्रन्धकी वेदान्त रसमय कथा सुगम रीतिसे बात है. ०-१२ गर्भगीताभाषा-श्रीकृष्णार्जुनसंवाद अत्यन्त स्पष्टरीतिसे लिखा ... ... गयाहैं. ... ... ... ... ... ०-३ गुप्तनादभाषा-मिसेस एनीविसेण्टकृत-क्लिमेशन थियोसोफो। : भैरवी इत्यादिका सार. :: :: :: :: :: ॥