पृष्ठ:रक्षा बंधन.djvu/२३

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'लाउड स्पीकर' में महाराज का सम्पूर्ण भाषण प्रकाशित हो गया।

प्रधान सम्पादक ने मि० सिनहा की बड़ी प्रशंसा की उन्होंने पूछा--"परन्तु भाषण तुम्हें कैसे मिल गया?"

मि० सिनहा ने कुछ खेल के साथ कहा--"क्या बताऊँ ! इस समय एक प्रेमकान्त युवती अपने उस प्रेमी की प्रतीक्षा में होगी जो एक धनाढ्य परिवार का सुशिक्षित लड़का था, जो उद्घाटन समारोह देखने आया था और जिसने उस युवती से विवाह करने का वादा किया था। जिसके लिए उसने न जाने किस युक्ति से भाषण की प्रति प्राप्त की थी और जो भाषण की प्रति लेकर केवल प्रथम बार युवती का आलिंगन-चुम्बन करके चला गया और फिर अभी तक लौटकर नहीं आया--कदाचित कभी न आयेगा।"

यह कहकर मि० सिनहा ने एक दीर्घ निश्वास छोड़ी।

सम्पादक महोदय बोले--"बड़े हृदयहीन हो, एक भोली भाली लड़की को धोखा देकर चले आये।"

"मैं हृदयहीन तो नहीं हूँ। मैं हूँ एक पत्रकार ! और एक पत्रकार को बहुधा हृदयहीन बनना ही पड़ता है।"

"ठीक कहते हो।" सम्पादक ने मुँह बनाकर सिर हिलाते हुए गम्भीरतापूर्वक कहा।