पृष्ठ:रक्षा बंधन.djvu/२४

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प्रतिहिंसा

( १ )

फ्रांस के पेरिस नगर के एक विशाल भवन में जर्मन सेना की एक टुकड़ी का निवास था। पेरिस नगर की जर्मन सेना का कमाण्डर भी इसी भवन में डेरा डाले हुए था। दोपहर का समय था। कमाण्डर अपने दफ्तर में बैठा कुछ कागज पत्र देख रहा था कि इसी समय चार सैनिकों सहित एक सार्जेण्ट कमाण्डर के सामने उपस्थित हुआ। सार्जेंट ने "हाइल हिटलर' कहकर कमान्डर का अभिवादन किया। कमान्डर ने प्रत्युत्तर देकर पूछा--"क्या है?"

“एक फ्रांसीसी लड़का मिला है जो हमारे लिए जासूसी करने को तैयार है।"

"खूब ! उसे हाजिर करो।"

सार्जेन्ट चला गया और कुछ क्षण पश्चात् एक लड़के को साथ लेकर वापस आया। यह लड़का १७-१८ वर्ष का था और बड़ा रूपवान था। कमाण्डर ने उसे कुछ क्षण तक ध्यानपूर्वक देखकर उससे पूछा-- "तुम्हारा नाम ?"

"लुई।" लड़के ने उत्तर दिया।

"और बाप का नाम?"

"दिसाले।"

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