पृष्ठ:रक्षा बंधन.djvu/२७

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जोखिम का काम था: यदि पहचान लेते तो मैं जीवित न लौट सकती।"

"मैं तुम्हारे साहस की दाद देता हूँ लुइसी! हुआ क्या यह बताओ!"

"सब ठीक हो गया! मैं प्रविष्ट कर ली गई। ये जर्मन बड़े सतर्क हैं पिताजी। मेरा नाम-धाम इत्यादि लिखने के साथ ही उन्होंने मेरा फोटो तथा अंगूठे का निशान भी ले लिया।"

"सो तो करेंगे ही। इतने सतर्क न रहें तो यहाँ रहने पावें।" चलो सब ठीक हो गया। इन जर्मन कुत्तों से बदला लेने की सुविधा प्राप्त हो गई। अब हम लोगों को अपना काम करने की तैयारी करनी चाहिए। तुमने सब बातें ठीक-ठीक बता दी थीं।"

"अपना नाम छोड़कर सब बातें ठीक ही बताईं।"

"ठीक! यदि जर्मन तहकीकात करें तो उन्हें कोई बात गलत न मिले।"

"परन्तु मैंने अपना नाम तो ग़लत ही बताया है।"

"कोई हर्ज नहीं! पास पड़ोस वालों को तो कह ही दिया गया है कि यदि कोई पूछे तो लड़का बताना और नाम लुई बताना।"

"यदि होटल तथा काबरे में जाकर पूछा तो?" लुइसी ने प्रश्न किया।

"उनको क्या पता कि मेरे घर में कौन-कौन है। न मैंने और न तेरे भाई ने वहाँ किसी से कभी बताया। वहाँ तो केवल मेरा नाम तथा पता दर्ज है। ऐसा तेरे भाई का भी है।"

"तब तो कोई खटका नहीं।"

"मेरा नम्बर १४०५ रक्खा गया है।"

"गुप्तचरों के नम्बर ही होते हैं। उनके नाम अफसरों के अतिरिक्त और किसी को ज्ञात नहीं होते। एक बात का ध्यान रखना लुइसी तुम जब घर से जाना तो मर्दाने-भेष में ही जाना। ये जर्मन बड़े सयाने हैं। सम्भव है उन्होंने हमारे मकान पर कोई गुप्तचर तैनात किया हो। यदि वह तुम्हें जनाने-भेष में देखेगा तो वह इसकी रिपोर्ट देगा और ऐसा होने से जर्मनों को सन्देह उत्पन्न हो जायगा।"