पृष्ठ:रक्षा बंधन.djvu/३०

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सैनिकों ने सलाह दी कि द्वार तोड़कर एकदम भीतर घुस चलना चाहिए। चार-पांच सैनिकों ने कंधे जोड़कर एकदम द्वार पर आघात किया। द्वार का पल्ला टूटकर अलग हो गया। सब सैनिक एक दम धावे के साथ मकान के अन्दर घुस गये। मकान के अन्दर एक बड़ा कमरा था इस कमरे के बीचो-बीच मेज पर एक 'आटोमेटिक रिपीटर ग्रामोफोन' (जो अपने आपही एक रिकार्ड को बार-बार बजाता रहता है) रक्खा हुआ था। इसी ग्रामोफोन से आदमियों के बोलने की आवाज निकल रही थी। इसके अतिरिक्त और वहां आदमी का नाम भी नहीं था। जर्मन सैनिक बड़े चक्कर में पड़े और यह सोच ही रहे थे कि क्या मामला है कि उसी समय एक गगन-भेदी धड़ाका हुआ और वह मकान तथा उसके साथ सब जर्मन सैनिक आकाश में उड़ गये।

इस दुर्घटना के आध घण्टे बाद ही जर्मन सैनिकों की एक टुकड़ी ने लुइसी का मकान घेर लिया, परन्तु अन्दर जाने पर उन्हें मकान बिलकुल खाली मिला।