पृष्ठ:रसकलस.djvu/१६४

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१४६ C6 Car mon amant est learmeea Elle s'est habıleec En brance militaire, Ell'fit conper priser ses blonds chevenx. A la facon d'son amourens "पिता नित्य मुझसे कहते हैं कि बेटी | दूसरे से व्याह कर ले । नही नही, पिता मैं फिर से दूसरे से प्रेम नहीं कर सकती, क्यों मेरे हृदय का देवता सेना मे है।" "(प्रेमी के लौटने की संभावना न देखकर ) बालिका ने पुरुपोचित वेप बनाया, प्रेमी की ही भॉति अपने सुंदर, मुलायम, घूघरवाले बाल कटवा दिये । इसके बाद उसने सेना की ओर यात्रा की।" कुछ उर्दू के पद्यो को भी देखिये । गुल है जखमी बहार के हाथों । दिल है सदचाक यार के हाथों । दम बदम कता होती जाती है । उम्र लैलो निहार के हाथों । जाँ बलब हो रहा हूँ मिस्ले हुवाब । मै तेरे इन्तजार के हाथों। इक शिगूफा उठे हैं रोज नया । इस दिले दागदार के हाथों । यह जो खटके है दिल में काँटा सा । मिजा है नोकेखार हैं क्या है ? चश्मे बददूर तेरी आँखो में । नशा है, या खुमार है क्या है ? कैसी वफा | कहाँ की मुहब्बत ! किधर की मेह वाकिफ ही तू नहीं है कि होता है यार क्या ? संसार की जितनी प्रेम कहानियाँ है, उनमें से अधिकांश का आधार परकीया है। चाहे वे भगवान् श्रीकृष्ण अथवा श्रीमती राधिका संबंधिनी कथाएँ हो, चाहे लैला मजनू, चाहे शीरी फरहाद आदि की दाम्ताने । किसी भापा के साहित्यिक ग्रंथो, काव्यो, उपन्यासो और नाटको को उठा लीजिये, उनमे से अधिकतर में प्रेमिक एवं प्रेयसी. आशिक-माशूक, और लवर एवं विलवेड की कथाएँ बड़ी रसीली और .