पृष्ठ:रसकलस.djvu/३४४

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नायिका के भेद नायिका के भेद जाति के अनुसार चार-१-पभिनी, २-चित्रिणी, ३-शंखिनी, ४-हस्तिनी। प्रकृति के अनुसार तीन-१-उत्तमा, २-मध्यमा, ३-अघमा । धर्मानुसार तीन-१-स्वकीया, २-परकीया, ३-सामान्या । वयःक्रमानुसार तीन-१-मुग्धा, २-मध्या, ३-प्रौढ़ा। अवस्थानुसार दश-१-खंडिता, २-कलहातरिता, ३-विप्रलब्धा, ४-उत्कठिता, ५-वासकसना, ६-स्वाधीनपतिका, ७ अभिसारिका, ८-प्रवत्स्यत्पतिका, ९-प्रोषितपतिका, १० आगतपतिका। विशेष खहितादि दश मेद मुग्धा, मध्या, प्रौढ़ा और परकीया में होते हैं। किसी किसी ने सामान्या में भी इन दशों भेदों को दिखलाया है, किंतु सामान्या में इन दशाओं का निरूपण कुछ विद्वानों ने रसाभास माना है। मेरा विचार भी यही है, अतएव सामान्या में इन दश भेदों का वर्णन नहीं किया गया । जाति-संबंधी भेद १-पमिनी पद्मिनी पद्म-गंधा, रति-सुंदरी, सुकुमार-तन, अल्प रोमवती और अधिकतर गान-वाद्य-परायणा होती है। दोहा- अति-सुंदर सब-रस-भरी सील-सकोच - निधान । कौन कामिनी लोक मैं है पद्मिनी समान ॥१॥ २-चित्रिणी चित्रिणी विचित्र-प्रकृति, नृत्य-गान-रता, अल्प-लजाशीला और परिहास- प्रेमिका होती है। .