पृष्ठ:रसकलस.djvu/३८०

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१३१ नायिका के भेद उदाहरण कवित्त- टूट टूक कीनी मेरी कंचुकी हुँ कोरवारी सारी-छरतारी फारी जेवर नसायो है। तिलरी हूँ मंजु मनि मोतिन की तोरि डारी वेनी हूँ विथोरि डारि छोरि दधि खायो है। 'हरिऔध' त्रासन ते कॉपत करेजो अजौं सॉसुन कढ़ति ऑसु ऑखिन मैं छायो है। खूत-भरो निपट-कुचाली कूर करतूत कैसो या सपूत आली काहू घर जायो है ॥१॥ दोहा- गिरि ते गिरत निहारि कै पकरि लियो प्रिय मोहि । तू बौरी सी कत बकति भयो कहा है तोहि ॥१॥ भविष्यगुप्ता उदारहण दोहा- जो कुंजन जैहौं नहीं किमि लैहौ दल फूल । का कैहौं अनुकूल जन जो हैहैं प्रतिकूल ॥ १॥ बर पूजन जैहौं न क्यों है वरसाइत कालि । छल - छंदी कैहै कहा मो पै कीच उछालि ।। २ ।। २-विदग्धा चतुराई और बुद्धिमत्ता के साथ पर-पुरुष-विहार-सबधी कार्य साधन करनेवाली परकीया को विदग्धा कहते हैं। उसके दो भेद हैं-वचनविदग्धा और क्रियाविदग्धा।