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पृष्ठ:रसकलस.djvu/६१२

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हमारी प्रकाशित पुस्तकें हिन्दी दासबोध , जिस तरह उत्तर भारत में गोस्वामी जी की रामायण का प्रचार राजा से लेकर रंक की झोपड़ी तक है, उसी तरह इस पुस्तक का प्रचार दक्षिण भारत में है। भगवान तिलक ने तो 'दासबोध' को संसार के सर्वश्रेष्ठ ग्रथों में माना है । मूल्य सजिल्द पुस्तक का ३) भक्त और भगवान सूर, तुलसी, कबीर, मीरा, रसखान, बिहारी, भारतेन्दु, सत्य- नारायण तथा अष्टछाप के भक्त कवि-पुंगवो के भगवान के प्रति जी अनुपम उद्गार हैं उनका इस पुस्तक में बहुत ही सुन्दर संकलन किया गया है । भक्तों के वास्ते तो यह अपूर्व पुस्तक है । मूल्य शा) बिहारी की वाग्विभूति विहारी हिन्दी के बहुत लोक-प्रसिद्ध कवि हैं। उनकी सतसई की पढ़ाई कई परीक्षाओ में होती है। पर विहारी की विशेषताओ का सम्यक् उद्घाटन करनेवाली हिंदी में कोई भी पुस्तक नहीं थी। इस पुस्तक से बिहारी-सम्बन्धी सभी बातों का पूर्ण ज्ञान प्राप्त होगा। मूल्य १॥॥) ।