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रस-मीमांसा

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रस-मीमांसा As these twelve forms may also occur in 24 (e. g. गृद्धगोमायु-संवाद ), there will be 24 divisions of अर्थशक्त्युद्भव ध्वनि, Example | स्वतःसंभवी वस्तु से वस्तु व्यंग्य-इस बालक के पिता इस कुएँ का खारा पानी न पिएंगे। मैं झटपट तमालाकुल सौते पर जाती हैं। पुराने नरसल की गाँठ देह में खरोट डालें तो डाले। नरसल की खरोट is th* स्वतःसंभवी वस्तु whicl! suggests an endeavour to conceal provable रतिचिह्न. | स्वतःसंभवी वस्तु से व्यतिरेक अलंकार व्यंग्य-दक्षिण दिशा में जाने से ( दक्षिणायन होने से ) सूर्य का तेज भी मंद हो जाता है। परंतु उसी दिशा में बु का प्रताप पांड्य देश के राजाओं से नहीं सहा गया । Here the possible fact is the mildness of the sun and humiliation of the kings of the South before Raghu's. The suggested figure is suci. e. Raghu's glory is greater than that of the sun. ( the dirt is imaginary.) स्वतःसंभवी अलंकार से स्वतःसंभवी वस्तु व्यंग्य-उस वेधारी को दूर से अपनी ओर झपटते देख बलराम ने भी सँभलकर पराक्रम के साथ उसे ऐसे देखा जैसे मत मातंग को केस देखे। ग्वतःसंभवी अलंकार से कविः अलंकार व्यंग्य-रण में क्रोध से ओठ चवाते हुए जिस राजा ने शत्रु-नारियों के ओठों के पति के प्रगाढ़ तन्नत की व्यथा से छुड़ा दिया।