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रस-मीमांसा

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रस-मीमांसा nymn, hence razy , but words can be replaced by words of identical meaning: ) पदगत und वाक्यगत ध्वनि The cara located in one only of a verse is ea and that located in many words (7) is ar m18. (The classification does not appear to be logical. The aim based on the use of particular word or words should be termed पदत. ) Examples अर्थातर-संक्रमित-वाच्य-ध्वनि पदरात-उसी के नेत्र नत्र होंगे जिसके सामने यह तरुणी होगी। अर्थातर-संक्रमित-वाच्य-ध्वनि वाक्यगत–देख ! मैं तुझसे, कहता हूँ, यहाँ विद्वानों की मंडली है अपनी बुद्धि को स्थिर करके काम करना । ( लक्ष्यार्थ–मैं तुझसे ज्ञान-वृद्ध और तेरा हितकारी; तुझसे= तू जो अनुभवी और विद्वान् नहीं है। व्यंग्यार्थ–मेरः उपदेश तेरे लिये हितकर है)। असंलक्ष्य-क्रम-व्यंग्य-ध्वनि पद्गत—वह लावण्य ! वह कांति ! वह रूप ! और वह वचनावली ! उस समय तो ये सत्र अमृनवर्प थे, परंतु अव अत्यंत संतापकारी हो गए हैं। (e suggests first extra-ordinary charm beyond description (7) and then facit श्रृंगार ( रस ); tli-1efo1' असंलक्ष्य-क्रम-व्यंग्य, Tht word as though used for times is one and the same word, therefore qara tafar.)