पृष्ठ:रस साहित्य और समीक्षायें.djvu/६५

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हिन्दी भाषा का उद्गम ] ६६ [ 'हरिऔध'

  • "पुरातन ब्राह्मणों ने जो ग्रन्थ हमें दिये हैं, उनसे बढ़कर निर्विवाद

प्राचीनता के ग्रन्थ पृथ्वी पर कहीं नहीं मिलते।" -मिस्टर होलहेड "जिन्द के दस शब्दों में से ६ या ७ शब्द शुद्ध संस्कृत -मिस्टर हैमर "जिन्द और वैदिक संस्कृत का इतना अन्तर नहीं जितना वैदिक संस्कृत और संस्कृत का है।" -- मैकडानल-ईश्वरीय ज्ञान, पृष्ठ ६३, ६४,६६, ६७. ___ संसार की आर्य जातीय भाषाओं के साथ वैदिक भाषा का सम्बन्ध प्रकट करने के लिए मैं यहाँ कुछ शब्दों को भी लिखता हूं- संस्कृत मीडी ' यूनानी लैटिन अंग्रेजी फारसी पितृ पतर + पाटेर पेटर फ़ादर पिदर मातृ मतर माटेर मेटर मदर मादर भ्रातृ फाटेर फ्रेटर ब्रदर बिरादर नाम नाम श्रोनोमा नामेन नेम नाम अस्मि अमि ऐमी एम ऐम अस अवतरणों को पढ़ने और ऊपर के शब्दों का साम्य देखकर यह बात माननी पड़ेगी कि वैदिक भाषा अथवा आर्ष जाति की वह भाषा जिसका वास्तव और व्यापक रूप हमको वेदों में उपलब्ध होता है, आदि भाषा अथवा मूल भाषा है । यदि संसार भर की भाषाओं की जननी हम उसे न मानें, तो भी हमें आर्य भाषा से प्रसूता जितनी भाषाएँ हैं, उनकी अाधारभूता अथवा जन्मदात्री तो उसे मानना ही पड़ेगा और ऐसी अवस्था ब्रतर

  • The words does not now contain annals of more indisputable

antiquity than those delivered down by the ancient Brahmans.- Halhed, Code of Hindu lcws.