पृष्ठ:राजसिंह.djvu/३२

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पहिला अंक राज'- अच्छा अभी यही रहे। पीछे हम स्वयं युद्ध करेंगे। मन्त्री-तो मैं राघवदास को दिल्ली भेजने का प्रबन्ध करता हूँ राजा-हाँ, कीजिए। (मन्त्री जाता है। पर्दा बदलता है।)