पृष्ठ:राजस्ठान का इतिहास भाग 2.djvu/२८८

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क्षति न पहुंचा सके। उसने अपने अधिकार में जितने भी लोगों को रखा था उन सभी कर्मचारियों को-साधारण पहरेदारों से लेकर सेना के सैनिकों और अधिकारियों तक सभी को-समय पर वेतन देता था और उनकी कर्तव्य परायणता के लिए प्रायः उनको पुरस्कार देकर सम्मानित किया करता था। इसलिए राजकर्मचारी उसके साथ सहानुभूति रखते थे। इन सब गुणो के साथ-साथ जालिम सिंह प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ और दूरदर्शी था। इसलिए इस प्रकार के विरोधों, उपद्रवों और विद्रोहों के होने पर भी उसने कोटा-राज्य में वरावर शासन किया। उसके विरोधी कभी उसका कुछ विगाड़ न सके। 282