पृष्ठ:राजस्ठान का इतिहास भाग 2.djvu/४६

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वर्णन करना हमने वहाँ पर आवश्यक नहीं समझा। अंत में केलण के वंशज गारा नदी के समीप तक विस्तार और विभाजन करके स्वाधीनता के साथ शासन करते रहे। इसके कुछ दिनों के बाद दिल्ली के बादशाह बाबर ने लंगा जाति से मुलतान छीनकर अपने अधिकार में कर लिया और वहाँ पर अपना शासक नियुक्त कर दिया। केरोट, दीनापुर, पूगल और मेरोट के भाटी लोगों ने कदाचित अपना अधिकार कायम रखने के लिए इस्लाम धर्म स्वीकार कर लिया। भाटी राज्य वंश के सवल सिंह के गासनकाल में जैसलमेर की राजनीतिक परिस्थितियों में असाधारण परिवर्तन आरम्भ हो गये थे। 40