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राजा और प्रजा।
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अतएव कांग्रेसकी कोई प्रार्थना यदि सुसंगत हो सकती है तो यही कि चाहे सम्राट् एडवर्डके पुत्रको, चाहे लार्ड कर्जन या लार्ड किच- नरको, चाहे इंग्लिशमैन, और पायोनियरमेंसे किसी एकके सम्पादकको, गरज यह कि उत्तम, मध्यम या नीच किसी भी एक अँगरेजको पार्लिमेन्ट चुनकर दिल्लीके सिंहासनपर बैठा दे। एक देश हजार समृद्धिशाली होनेपर भी केवल एक राजाका ही पालन कर सकता है, देशभर- राजाका पालन उससे नहीं हो सकता।



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