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राजनीतिके दो रुख।
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सच्चे ईसाइयोंने अमेरिकामें जिस प्रकार प्रलय और आस्ट्रेलियामें जिस प्रकार दारुण लोकसंहार उपस्थित कर दिया था उस अपेक्षाकृत पुरानी बातको इस समय उठानेकी आवश्यकता नहीं दिखाई देती। दक्षिण आफ्रिकामें जो मेटाविली युद्ध हुआ था यदि उसका वृत्तान्त अच्छी तरह देखा सुना जाय तो यह बात बहुत कुछ समझमें आ सकती है कि ईसाईसे भिन्न जातिके लोगोंके गालोंपर ईसाइयोंका जो थप्पड़ लगता है वह कैसा होता है।

उस युद्धका पूरा पूरा हाल नहीं मिलता लेकिन जो कुछ हाल मिलता है उसके भी पूर्ण रूपसे सत्य होनेमें बहुत कुछ सन्देह है, क्योंकि युद्ध के समाचारोंकी तारकी खबरें लिखना भी उन्हीं ईसाइयोंके हाथमें रहता है। हम अपने पाठकोंसे उन कई पत्रों और प्रबन्धोंके पढनेका अनुरोध करते हैं जो इस युद्धके सम्बन्धमें ट्रुथ ( Truth ) नामक प्रसिद्ध अँगरेजी साप्ताहिक पत्रमें प्रकाशित हुए

हम इस प्रकारकी कोई आशा नहीं दिला सकते कि उन पत्रों और प्रबन्धोंको पढ़कर किसीको विशेष सन्तोष या आनन्द होगा । लेकिन हम इतना कह सकते हैं कि उन्हें पढ़कर लोग यह अवश्य समझ सकेंगे कि सभ्य जाति जिसे अपनी अपेक्षा कम सभ्य समझती है उसके सामने वह अपनी सभ्यताका और उसके साथ ही साथ उस असभ्यजातिका भी बलिदान कर देनेमें तनिक भी संकोच नहीं करती । उन्नीस सौ वर्षों की चिरसंचित सभ्यनीतिका युरोपीय आलो- कित नाट्यशालाके बाहर अन्धकारपूर्ण नेपथ्य देशमें थोड़ी देरके लिये बनाया हुआ नकली वेश उतर जाता है और उसके स्थानपर जो आदिम नंगा मनुष्य निकल आता है उसकी अपेक्षा नंगे मेटाविली अधिक निकृष्ट नहीं होते।