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पृष्ठ:राजा और प्रजा.pdf/९२

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सभी अवसरोंपर हम लोगोंके साथ मनुष्योचित व्यवहार करेंगे। जिस समय भारतवर्ष में ऐसे थोड़े बहुत लोग भी उठ खड़े होंगे जो हम लोगोंमें अटल सत्यप्रियता और निर्भीक न्यायपरताका उन्नत आदर्श स्थापित करेंगे, जब अंगरेज लोग अपने हृदयमें इस बातका अनुभव करेंगे कि भारतवर्ष अब न्यायविचारको निश्चेष्ट भावसे ग्रहण नहीं करता, उसके लिये सचेष्ट भावसे प्रार्थना करता है और अन्याय दूर करनेके लिये अपने प्राणतक देनेको तैयार है, तब वे लोग कभी भूलसे भी हम लोगोंकी अवहेला न करेंगे और हम लोगोंके प्रति न्यायविचारमें शिथिलता करनेकी ओर स्वभावतः ही उन लोगोंकी प्रवृत्ति न होगी।


रा॰ ६