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क्रूसो का स्वदेश-प्रत्यागमन और धनलाभ।


जारी करा दिया और वह एक ब्रेज़िल-गामी परिचित महाजन के हाथ वहाँ को भेज दिया।

सात महीने के भीतर ही मैंने ब्रेजिल से अपने कार परदाज का प्रेम-सूचक पत्र और अपनी सम्पत्ति का हिसाब पाया। मैं अब तक जीता हूँ, यह सुन कर सभी ने खूब आनन्द प्रकट करके चिट्ठी लिखी थी। मेरी सम्पत्ति का मोटा हिसाब यही था कि मेरे अंश का कुल पचहत्तर हजार रुपया जमा है। उन लोगों ने बड़े आदर से एक बार मुझे ब्रेज़िल आने को लिखा था। उन लोगों ने बाघ का चमड़ा पाँच अदद, एक सन्दूक भर मिठाई और एक सौ अशर्फियाँ उपहार में भेजी थीं। एक हजार दो सौ बक्स चीनी, पाठ सौ बोझे तम्बाकू और बाकी नक़द रुपया भेज कर उन्होंने मेरा हिसाब चुकता कर दिया।

एक साथ जब मुझे इतना धन मिला तब मेरा हृदय आनन्द के आवेग से हाथों उछलने लगा। मैं इस आशातीत आनन्दोच्छ्वास से विह्वल हो गया। यदि मेरे परमबन्धु वृद्ध कप्तान मेरी हिफाजत न करते तो आनन्द से मेरा हृदय फट जाता। तब भी मैं बहुत दिनों तक अस्वस्थ रहा; यहाँ तक कि मुझको देखने के लिए डाकृर बुलाये गये थे।

एकाएक मैं पचहत्तर हजार रुपये का मालिक बन बैठा। इसके अलावा ब्रेजिल में सालाना पन्द्रह हजार रुपये मुनाफ़े की जमीदारी! मैं इतना रुपया लेकर क्या करूँगा, इसका कुछ निर्णय नहीं कर सकता था। सब से पहले मैंने अपने परम बन्धु वृद्ध कप्तान की अभ्यर्चना की जिन्होंने पहले मेरे प्राण बचाये और खीर तक मेरे साथ सद्व्यवहार किया। पहले उनका सत्कार करना चाहिए था। मैंने उनके आगे अपना

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