पृष्ठ:रामचरितमानस.pdf/११६५

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१०८६ रामचरित मानस । ०--मैं पुनि अवध रहेउँ कछु काला । देखेउँ बाल-बिनोद रसाला ॥ रामप्रसाद भगति बर पायउँ । प्रभुपद बन्दि निजात्रमआयउँ ॥१॥ फिर मैं ने कुछ काल अयोध्या में रह कर सुहावनी बाल क्रीड़ा देखी। रामचन्द्रजी की कुपा ले भक्ति का वर पाया और स्वामी के चरणों की वन्दना करके अपने प्राश्रम में भाया ॥१॥ तब ते माहि न ब्यापी माया । जब तँ रघुनायक अपनाया। यह सच गुप्त चरित मैं. गावा । हरि माया जिमि माहि नचावा ॥२॥ जब से रघुनाथजी ने अपनाया, तब से मुझे माया नहीं व्यापी । यह सब छिपा हुमा चरित्र में ने कहा है, जिस तरह भगवान की माया ने मुझे नचायो था ॥२॥ निज अनुभव अब कहउँ खमेला। बिनु हरिभजन न जाहिँ कलेसा ॥ राम कृपा बिनु सुलु खगराई । जानि न जाइ राम प्रभुताई ॥३॥ हे खगनाथ ! अब मैं अपना अनुभव (वह शान जो साक्षात करने से प्राप्त है!) कहता हूँ कि बिना भगवान के भजन के फ्लेश नहीं दूर होता । हेगरुड़जी मुनिये, रामचन्द्रजी की कृपा के बिना रामचन्द्रजी की महिमा जानी नहीं जाती ॥३॥ जाने बिनु न होइ परतीती । बिनु परतीति होइ नहिं प्रीती ॥ प्रोति बिना नहि भगति दृढ़ाई । जिमि खगेस जल के चिकनाई ४ बिना जाने विश्वास नहीं होता, धिना विश्वास के प्रीति नहीं होती। प्रीति के बिना भक्ति में दृढ़ता नहीं पाती, हेगवड़जी ! जैसे जल की चिकनाई नहीं टिकती ॥ रामचन्द्रजी की महिमा का जानना विश्वास उत्पन्न होने का कारण है । विश्वास प्रीति उपजाने का कारण है। प्रीति भक्ति हद करने का कारण है। कारण से कार्य प्रकट हो कर बार बार कारण हो जाना 'कारणमाला अलंकार है। चिकनाहट गुण तेल का है, अल का नहीं सा--बिनु गुरु होइ कि ज्ञान, ज्ञान कि होइ बिराग बिनु । गावहि बेद पुरान, सुख कि लहिय हरितगति बिनु ॥ क्या विना गुरु के शान होता है ? क्या बिना ज्ञान के वैराग्य हो सकता है । वेद और पुराण गाते हैं कि क्या विना रामभक्ति के जीव को सुख मिलता है ? कोड बिल्लाम कि पाव । तात सहज सन्तोष बिनु । चला कि जल बिनु नाव, कोटि जतन पचि पचि मरिय ॥८॥ हे तात । क्या कोई स्वाभाविक सन्तोष के बिना सुख पा सकता है। करोड़ों उपाय पूर्ण रूप ले तन्मय हो कर करके मरे तो भी क्या बिना जल के नाव चलेगी ? (कदापि नहीं)nan चौ०--बिनु सन्तोष न काम नसाहीं । काम अछत सुख सपनेहुँ नाहीं । राम भजन बिनु मिटहिं कि कामा। थल बिहीनतरुकबहुँकिंजामा॥१ विना सन्तोष के कामनाएँ नाश नहीं होती और कामनामा के रहते हुए सपने में भी 1