पृष्ठ:रामचरितमानस.pdf/१३

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... ... ... ... ... ७६० ... संख्या कथा-प्रसङ्ग पृष्ठ . कवन्ध वध, शवरी मिलन और नवधाभक्ति का उपदेश तथा रामचन्द्रमी को पिरह से विकलता का वर्णन ७२६ पंपासर की शोभा वर्णन, नारद' आगमन और रामचन्द्रनारद का ललित उपदेश पूर्ण ७३७ सम्बाद कथन (किष्किन्धा काण्ड) १ अभ्यमूक पर्वत के समीप राम लक्ष्मण का जागा, हनूमानजी का मिलना और सुग्रीव से मित्रता होना ७४६ २ सुग्रीव का वाली से वैरत्व होने का कारण कथन, पालि वध की प्रतिक्षा, सुग्रीव माली युद्ध और बाती का संहार ७५२ ३ सुग्रीव का राज्याभिषेक, प्रवर्षण निवास और वर्षा वर्णन ४ लक्ष्मण का किष्किन्धा में जाकर शोध प्रकाश करना, सुग्रीव की प्रार्थना और रामचन्द्रजी के पास पाकर बानर भालुओं को सीताजी की खोज के लिये चारों दिशाओं में प्रेरित करना ७६८ ५ धानरों का तृषित होकर विवर प्रवेश, तपस्विनी मिलन और दक्षिणी समुद्र के किनारे पहुँचना ७७२ ६ सम्पाती मिलन और समुद्रोखंधन पर विचार तथा वानर वीरों का पुरुषार्थ कथन (सुन्दर काण्ड) १ हनूमानजी का सदुद्रपार के लिये कुलाँक मारना, मैनाक सुरक्षा मिलन, सिंहिका वध और समुद्र के पारजाना ७.२ २ हनूमान का लंका में प्रवेश, लंकिनी सम्वाद, नगर निरीक्षण और विभीषण से परिचय तथा अशोकवाटिका में सीता दर्शन ३ रावण का अशोकवाटिका मेत्रियों के सहित आना, सीता दशानन वाद और त्रिजटा का ७१३ ४ मुद्रिका प्रदर्शन, हनूमान मिलन, सन्देश निवेदन और अशोकवाटिका का विध्वंस करना ७8 ५ अक्षयकुमार वध, मेघनाद युद्ध और बन्धन ६ धनूमान का रावण की समा में प्रवेश, हनूमान रावण सम्बाद और पूंछ भस्म करने की आशा ७ लकादहन, हनूमानजी को समुद्र के इस पार आना, मधुवन प्रवेश, सुमीच मिलन और ०६ रामचन्द्रजी से सीताजी का सन्देश कथन - रामचन्द्रजी का धानरीदल के सहित लङ्का की ओर प्रस्थान, समुद्र तट पर डेरा पड़ना और बानर भालुओं का.फल मूल भोजन वर्णन मन्दोदरी-रावण सम्वाद, विभोषण को शुभउपदेश रावण से तिरस्कृत हो विभीषण का २२ रामचन्द्रजी की शरण में आना १० विभीषण को राजतिलक, समुद्र से मार्ग प्रदान के लिये प्रार्थना, शुकराक्षस का दूत वेश में पकड़ा जाना और सदमण द्वारा उसका बचाव तथा चिट्ठी लेकर रावण के समीप गमन वर्णन ... ... ... ७७ स्वप्न वर्णन ... 1 .. ... २०४ ... ... ... य२४ ...