पृष्ठ:रामचरितमानस.pdf/१५

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

... ... ... ... ... .. ... ... फधा-प्रसन्न संख्या २० लीता त्रिजटा सम्वाद, रावण की चदाई, माया युद्ध और रामचन्द्रजी के धारा रापण का ९६४ संहार २१ मन्दोदरी विलाप, विभीषण को राज्यासन पर बिठाना, हनुमान का सीताजी के समीप 8.२ जा कुशल समाचार देना और सीताजी का अग्नि में प्रवेश कर शपथ देगा २२ मातलि का प्रस्थान, देवस्तुति, ब्रह्मा की विनती, दसरथ भागमन इन्द्र और शिवजी की प्रार्थना तथा इन्द्र द्वारा अमृत की वर्षा और पुष्पक विमान पर चढ़ रामचन्द्रजी का 850 अयोध्या के प्रस्थान २३ दंडकवन, चित्रकूट होते, प्रयाग और गृहरवे पुर भागमन तथा एनूमानजी को सूचना देने के अर्थ भरत के पास भेजना • (उत्तरकाण्ड) १ भरत विरह और हनूमान मिलन १६७ २ अयोध्यापुरवासियों का प्रेमारसाह, गुरु, भरत-शत्रुहन और पुरजनों से रामचन्द्रजी का मिलना १००१ ३ रामराज्याभिषेक, बेदस्तुति, शिव प्रार्थना और सुग्रीवादि वानर बोरी की चिदाई २०११ १ रामराज्य की नीति, सुख और ऐश्वर्य वर्णन ५ पुत्रोत्पत्ति, अयोध्या की रमणीयता, भाइयों के सहित हनूमानजी का उपवन गमन और सनकादि श्रागमन तथा स्तुति करके ब्रह्मलोक पयान ६ हनूमान भरत राम सम्मान, पुरवासियों को रामचन्द्रजी का उपदेशं श्रार पशिष्ट राम लम्माषण ७ रामचन्द्रजी का समाज के सहित श्रमरैया (स्वलोक) में गमन, नारद राम सम्बाद भार नारद को ब्रह्मलोक यात्रा १०४६ + कथा सुन कर पार्वती का सन्तोष प्रकट करना, रामचरित की महिमा और कागभुशुंड के परिचय के लिये प्रश्न करना १०५२ शिव का भुशुण्डी के स्थान में जाकर कथा श्रवण करना, गरदमोह, गरुड़ का कागभुशंड के' स्थान पर जाना भार सत्संग घर्णन १०५५ १० . प्रसंग वश भुशुंडी का अपना मोह कथन, भक्तिवर की प्राप्ति और रामचन्द्र की अनन्त महिमा का वर्णन २०७२ ११ कागवतु पाने का कारण, रामचरित की प्राप्ति, अमरत्व और इस आश्रम में अशान न च्यापने का हेतु क्या है ? यह गरुड़ का प्रश्न तथा उसका विस्तार के साथ रचर १०६२ १२ कलियुग की लीला वर्णन और वैश्यतनु में. शंकर का शाप होना १०६४ १३ भुशुन्डी का अन्त में ब्राह्मण शरीर पाना और लोमस ऋषि के शाप से कौना का शरीर होना वर्णन १४ शानभक्ति सम्बन्धी प्रश्नोत्तर और शानदीपक वर्णन • १५ गरुड़ के सात प्रश्न और उसका उत्तर १९९६ १६ गरुड़ का वैकुट को प्रस्थान, रामयश की अपार महिमा वर्णन और अन्ध समाप्ति ११२८ ... 601 ... ... ... ...