पृष्ठ:रामचरितमानस.pdf/१५१

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सटीक रामचरितमानस रति-विलाप। अब ते ति तव नाय कर, होइहि नाम बिनु बपु च्यापिदि सबहि पुनि, सुनु निज मिलन प्रसा। बेलवेडियर प्रेम, प्रयाग।