पृष्ठ:रामचरितमानस.pdf/१८४

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सटीक रामचरितमानस शिव-पावती सम्बाद । हरि-गुन नाम अपार, कथा रूप अगनित अमित । मैं निज मति अनुसार, कहउँ उमा सादर सुनहु । लवेडियर प्रेस प्रयाग । 'पृष्ट.11.