पृष्ठ:रामचरितमानस.pdf/२०

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छप गयी !! छप गयो। तुलसी-ग्रन्थावली। गोस्वामी तुलसादासजी के ग्रन्धों के सम्बन्ध में अधिक कहने की अवश्यकता नहीं है। उनके महत्व को पढ़े अनपढ़े भारतवासी मात्र मली भाँति जानते हैं। गोस्वामीजी के बनाये हुए छोटे बड़े बारह अन्य प्रसिद्ध हैं । रामलला नहछू, वैराग्य- सन्दीपिनी, बरवै रामायण, पार्वती मङ्कल, जानकी-मङ्गल, रामाज्ञा प्रश्नावली, दोहावली, कवित्त रामायण, गीतावली-रामायण, कृष्णगीतावली विनयपत्रिका और रामचरितमानस । इन यारही ग्रन्थों को मूल मूल स्वच्छ चिकने कागज़ पर शुद्धता पूर्वक बड़े बड़े अक्षरों में हमने छपवाया है । नीचे कठिन शब्दों का अर्थ भी दिया गया है, जिससे भावार्थ समझने में बड़ी सुगमता हो गयी है। इनमें से ग्यारह ग्रन्थों की एक जिल्द है जिसमें लग- भग ५८० पृष्ठ हैं। मूल्य सजिल्द केवल । और यह दूसरी जिल्द केवल रामचरित मानस की सचित्र और सटीक का मूल्य १६) और चिकने उम्दा काग़ज़ पर ६०५ है। मिलने का पता मैनेजर बेलवेडियर प्रेस, प्रयाग। Jeg gene