पृष्ठ:रामचरितमानस.pdf/२६७

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सटीक रामचरितमानस अहल्या-तरण। परसत पद-पायन, सेक नसावन, प्रगट भई तप-पुज सही। नयत रघुनायक, जन-सुम्ब वायक,सममुम्बरकर, जारि रही।