यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।
सटीक रामचरितमानस अहल्या-तरण। परसत पद-पायन, सेक नसावन, प्रगट भई तप-पुज सही। नयत रघुनायक, जन-सुम्ब वायक,सममुम्बरकर, जारि रही।
सटीक रामचरितमानस अहल्या-तरण। परसत पद-पायन, सेक नसावन, प्रगट भई तप-पुज सही। नयत रघुनायक, जन-सुम्ब वायक,सममुम्बरकर, जारि रही।