यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।
सकि रामचरितमानस परशुगम-मागमन । भति रिस पोले बचन कठोरा । कर जद जनक धनुष फेह तारा बेगि देसाठ मूद न त भानू । उलट महि जाँ लगि तप राजू ॥ रेलवेरियर प्रेस, प्रयाग।
सकि रामचरितमानस परशुगम-मागमन । भति रिस पोले बचन कठोरा । कर जद जनक धनुष फेह तारा बेगि देसाठ मूद न त भानू । उलट महि जाँ लगि तप राजू ॥ रेलवेरियर प्रेस, प्रयाग।