पृष्ठ:रामचरितमानस.pdf/७९३

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सटीक रामचरितमानस शधरी-मिलाप । कन्द मूल फल सुरस अति, दिये राम कह आनि । प्रेम सहित प्रभु खाये, बारम्बार बखानि ॥ बेलवेडियर प्रेस, प्रयाग ।