पृष्ठ:रामचरितमानस.pdf/८२८

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

सटीक रामचरितमानस वर्या-वर्णन । लछिमन देखहु मोर-गन, नाचत बारिद पेखि । गृही विरति-रत हरप जस, विप्नुभगत कहँ देखि ॥ येहवेडियर प्रेस, प्रयाग।