पृष्ठ:रामचरितमानस.pdf/८४१

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सटीक रामचरितमानस MAHILAWARRititil LYRICKASONILIANCEKANAND REENSNLANTARIATRICKR OLLUC DE KE AKR तपस्विनी स्वयंप्रभा । मनन कीन्ह मधुर फल खाये । मासु निकर पुनि सब चलि आये। सहि सब आपनि कथा सुनाई । मैं अब जाय जहाँ , रघुराई । पृष्ठ ७७३ EoSSASARASIRSANSARAASARSATANASANSARSAATAARAATXRENTORS लवेडियर प्रेस, प्रयाग।