पृष्ठ:रामचरितमानस.pdf/९४६

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८७१ ने रावण पष्ट सापान, लङ्काकाण्ड दो०- जथा मत्त-गज-जूथ मह, पञ्चानन चलि जाइ। रामप्रताप सुमिरि मन, बैठ सभा सिर नाइ ॥१९॥ जैसे मतवाले हाथियों के भुन्ड में सिंह (निमय) जल कर जाय (उसी तरह रावण के दरवार में प्रसजी गये)।रामचन्द्रजी का प्रताप मन में स्मरण कर और समा को मस्तक नवा कर बैठ गये ॥१॥ सभा की प्रति में राम प्रताप समारि मना पाठ है । यहाँ लोग शङ्का करते हैं कि अगर या उसकी सभा को मस्तक क्यों नवाया ? उत्तर-रावण मुनि का वंशज, बाली का मित्र और राजा है, महादजी का सिर नवाना उचित ही है अथवा शिष्टाचार को रवा के लिये प्रयास किया। जय सभासदों ने खड़े होकर इनका स्वागत किया, तब उनके सम्मानार्थ श्रन ने मस्तक झुकाया। अथवा यह भी अर्थ निकलता है कि अङ्गद ने सिर नहीं नवाया, इनसे वैठते ही सभावालों का सिर नीचे हो गया। चौ०-- --कह दसकंठ कवन बन्दर । मैं रघुनीष दूत इसकन्धर ।। मम जनकहि तोहि रही सिताई । तव हित कारन आयउँ माई॥१॥ राधण ने कहा-तू कौन बन्दर है ? अङ्गद ने कहा- हे दशानन ! मैं रघुनाथजी का इत हूँ। मेरे पिता की तुझसे मित्रता थी, भाई ! मैं तुम्हारी भलाई के निमित्त आया हूँ ॥१॥ रावण के पूछने पर पिता की मित्रता कहने में अहद का गढ़ अभिप्राय उसके पराक्रम को लघुता व्यक्षित करना 'गूढोतर अलंकार' है। आये हैं रामकार्यके लिए, पर उसे न कह कर रावण के हितार्थ आगमन कहना सैताचापलुति को ध्वनि है। उत्तम-कुल पुलस्ति कर नाती । सिव चिचि पूजेहु बहु भाँती ॥ पर पायहु कीन्हेहु सश काजा । जीतेहु लोकपाल सत्र राजा । २॥ उत्तम कुल में उत्पन पुलस्त्य मुनि के नाती हो ब्रह्मा और शिवजी की बधुत तरह से पूजा की। पर पार सय काम किया, लोकपाल सौर सम्पूर्ण राजाओं को जीत लिया ॥२॥ नृप अभिमान माह बस किया । हरि आनेहु सीता जगदम्बा ।। अब सुम कहा सुनहु तुम्ह मारा । सब अपराध छमिहि प्रभु तोरा ॥३॥ राजन् ! अभिमान से अथवो अज्ञान के वश होकर तुम जगन्माता सीताजी को हर कर ने माये । अव मेरी कल्याणकारीबात सुनो, प्रभु रामचन्द्रजी तुम्हारे सम्पूर्ण अपराधों को क्षमा करेंगे ॥३॥ 'जगदम्बा सीता हरि पानेहु' इस वाक्य में ध्वनि है कि ऐसे कुलीन, मुनिबंशज, शिव- भक्त और शूरवीर होकर ली हरण किया १ बड़े लज्जा की बात है। दसन गहहु तन कंठ कुठारी। परिजन सहित सङ्ग निज नारी! सादर जनक-सुता करि आगे। एहि विधि चलहु सकल भय त्यागे ॥४॥ दाँतों के तले तृण दाब लो और गले पर कुल्हाड़ी रख कर कुटुम्पियों के सहित अपनी