पृष्ठ:लखनउ की कब्र - किशोरीलाल गोस्वामी.pdf/११०

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झासमइनों के निकाले जाने के एक घंई बाद कई खोजे । तलवारे हाथ में लिये हुए कमरे के अन्दर घुस आए और उन स्त्री ने कुछ बढ़ और झुककर आदाद बजी लाकर गाना बज्ञानी बन्द फयह और बैन की तरफ़ देख, ज़ोर से कहा--- * * हुजूर के तले के पीछे, मोरछलवालियों के कुंड में एक मर्द है, जिसके गिरफ़ार करने के लिये दादशाह ने मुझे हुक्म झ्यिा हैं।" | यह सुनकर कड़ककर बेगम ने कहा,-* यह सारा फिसाद हरामजादी असमानी का है, तुम सब झूठ बक रहे हो और यहाँ पर कोई काई दही हैं ! । | यह सुनकर खोजे ने कहा,---, लेकिन जहाँपनाह के हुक्म से हम लोग तलाशी लेंगे : १) इसके बाद न जाने क्योंकर उस कमरे की सारी रौनों एकदम ले बुझ गई और कमरे में सन्नाटा छा गय३ । मैं भी शुश खाकर गिर पड़ा और फिर मुझे इस बात की कुछ भी खबर न रही कि इसके छदि फिर क्या हुआ है । ।

  • पहिला हिल समाप्त *