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अमेरिकामें कृषि-कार्य

साल, इस कारख़ाने में १० लाख मन लोहा, ५ लाख मन कोयला, ११ लाख मन तेल और वार्निश, २५ लाख फुट लकड़ी और १२ लाख गैलन जलानेका तेल खर्च होता है।

जान डियरकी ईजादके बाद अमेरिकाके एञ्जिनियर और काश्तकार खेतीके यन्त्र-निर्म्माणकी ओर और भी अधिक दत्तचिन हुए। तरह-तरहकी कलें ईजाद होने लगीं। उनकी बदौलत खेतीकी पैदावार बराबर बढ़ती ही चली गयी। वहां लाखों बीघे ज़मीन गैर आबाद पड़ी हुई थी। परन्तु जानवरोंकी मदद से चलनेवाले हलोंकी बदौलत उनका आबाद होना असम्भव-सा था। अतएव बहुत-कुछ माथा-पञ्ची करनेके बाद एञ्जिनियरोंने भाफ़से चलनवाले बड़े-बड़े हल-समूहोंका आविष्कार किया। यह एक प्रकारकी कल है। आवश्यकता होनेपर इसमें एक ही साथ चौदह-चौदह हल जोड़ दिये जाते हैं। वे सब साथ ही कड़ीसे भी कड़ी जमीनको गहरी जोतने चले जाते हैं। जितना गहग जोतना दरकार हो उतना ही गहरा जोतनेका प्रबन्ध इन हलों में है। फ़ालोंको ज़रा नीचा-ऊँचा कर देनेहींसे यह काम आसानीसे हो जाता है। इन हलोंमें ऐसे पुर्जे़ लगे हुए हैं कि हल चाहे जितनी तेज़ी से चल रहे हों फ़ाल ऊँचे-नीचे किये जा सकते हैं। सामने पत्थर वग़ैरहके टुकड़े आजानेपर ये हल उनपर टक्कर न खाकर साफ़ आगे निकल जाते हैं। इस एक हलसे एक दिनमें ३६ एकड़ तक जमीन जोती जा सकती है इन हलोंमें ऊपर बैठनेकी जगह रहती है। जैसे रेलका एञ्जिन चलानेवाला उसपर आरामसे बैठा रहता है उसी तरह इन हलोंको चलानेवाला भी उन्हींपर बैठा रहता है। उसे उनके पीछे-पीछे दौड़ना नहीं पड़ता।