पृष्ठ:लेखाञ्जलि.djvu/२०६

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४९—उर्दू कविता कलाप

उर्दूके शेरोंमें जो लालित्य और मनोहरता है पाय: सभी पढ़े लिखोंके दिलोंको खींच लेती है और आनन्दके हिलोरे हृदयमें तरंग मारने लगते हैं। हम अपने उन हिन्दी-पाठकोंके मनोरंजनार्थ जो फारसी लिपिसे अनाभिज्ञ हैं, किन्तु उर्दू-कवियोंकी कविताका रसास्वादन करना चाहते हैं यह उर्दूके प्रसिद्ध-प्रसिद्ध शायरोंके पद्योंका चुना हुआ संग्रह भेंट करते हैं। मूल्य १)

५०—प्राकृतिक सौंदर्य

सर जान लबकके The Beauty of Nature का रूपान्तर। जिन्होंने लबक महोदयके ग्रन्थोंका अवलोकन किया है, वे भलीभांति जानते हैं कि उनकी लेखनीमें कितना माधूर्य तथा सरलता भरी हुई है। उनकी वर्तमान पुस्तक भी आपकी एक बड़ी ही अलौकिक रचना है। आपने इस पुस्तकमें प्रकृतिकी शोभाका वर्णन इस खूबी के साथ किया है कि पढ़ते ही बनता है। मूल्य २)

५१—चित्रमय हरिश्चन्द्र

इस पुस्तकमें सत्यवादी राजा हरिश्चन्द्रकी कथा चित्रोंमें वर्णन की गयी है। पुस्तकमें एक तरफ कथाका सार दिया गया है और दूसरी तरफ उसी घटनाका चित्र दिया गया है जिससे चित्रोंको देखकर ही सम्पूर्ण कथा समझमें आ सकती है। पुस्तकमें २० एक रंगे चित्र है; किन्तु वे भिन्न भिन्न रंगों में छापे गये हैं जिससे उनकी सुन्दरता बहुत कुछ बढ़ गयी है। पुस्तकके ऊपर तीन रंगा मनोहर चित्र दिया गया है। पुस्तक बालकों और स्त्रियोंके हाथों में बिना किसी संकोचके दी जा सकती हैं। मूल्य केवल ।।।") सजिल्द १")