पृष्ठ:लेखाञ्जलि.djvu/७८

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गौतम बुद्धका समय

सभ्यता-सञ्चारके आरम्भसे लेकर आजतक, संसारमें जितने महापुरुष उत्पन्न हुए हैं, महात्मा गौतम बुद्धकी गिनती उन्हींमें है। इस समय सभ्य संसारमें मुख्य-मुख्य जितने धर्म प्रचलिन हैं उन सबपर बुद्ध भगवान्‌के उदात्त विचारोंका रङ्ग थोड़ा-बहुत अवश्य चढ़ा हुआ है। सारे संसारकी मनुष्य-संख्याका एक तृतीयांश बौद्ध-मतको मानता है। इसमें सन्देह नहीं कि अन्य मतावलम्बियोंकी अपेक्षा बौद्ध लोगोंकी संख्या बहुत अधिक है। बुद्ध भगवान अधिकांश एशिया-निवासियोंके मनोराज्यके अधीश्वर तो हैं ही, योरप और अमेरिकाकी विद्वन्मण्डलीपर भी उनका प्रभाव कुछ-न-कुछे पड़ चुका है। यह प्रभाव दिन-पर-दिन बढ़ता ही जाता है। योरप और अमेरिकाकी मुख्य-मुख्य भाषाओंमें बुद्धदेव और बौद्ध धर्मपर अबतक सैकड़ों ग्रन्थ निकल चुके हैं। और अब भी निकलते ही चले जाते हैं। लेख कितने निकल चुके हैं, इसकी तो गणना ही नहीं की जा सकती। अबतक हमलोग इस सम्बन्धमें बिलकुलही