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विदेशी विद्वान्


पत्रों के प्रकाशित करने में हर साल आप कई करोड़ रुपये खर्च करते हैं। इस काम में प्रतिदिन एक लाख बीस हज़ार रुपये आपके घर से जाते हैं !!! पत्रों की बीस लाख कापियाँ तैयार करने में प्रतिदिन बारह हज़ार मन कागज़ खर्च होता है। इस समय आपके अधीन काम करनेवालो की संख्या उन्नीस हजार के करीब है। इनमे से चार हज़ार तो दफ्तरों में काम करनेवाले स्थायी कर्मचारी हैं और कोई पन्द्रह हज़ार संवाद-दाता। आपने अपने कारोबार में बेहद उन्नति की है। इसका अनुमान केवल इस बात से किया जा सकता है कि जिस न्यूयार्क जरनल को आपने साढ़े चार लाख रुपये मे खरीदा था, इस समय उसकी लागत करीब ढाई करोड़ रुपये के है।

उद्देश और कार्य

हार्स्ट साहव के अखबारों को अमेरिका के साधारण तथा नीची श्रेणी के लोग बहुत पसन्द करते हैं। क्योंकि उनमें उन्हीं के मतलब की बातें अर्थात् किस्से, चुटकुले, पञ्च, रहस्य-उद्घाटन और चौंका देनेवाली खबरे अधिक रहती हैं। इसके सिवा सर्वसाधारण की दशा सुधारना, उन पर अत्या- चार न होने देना, गरीबों को सतानेवालों की ख़बर लेना और अदालत द्वारा उतको दण्ड दिलवाना आपके पत्रों का मुख्य उद्देश है। इसी कारण लक्ष लक्ष दरिद्र नर-नारी आपके पत्रों