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के मिलने से ही रासायनिक क्रिया होती है। भिन्न भिन्न पर- माणुओ की भिन्न भिन्न प्रकार की प्रवृत्ति होती है जिसके अनुसार कुछ परमाणु कुछ परमाणुओ के साथ मिलते हैं और कुछ के साथ नहीं। इसी को रासायनिक प्रवृत्ति या राग कहते हैं।

परमाणु हैं क्या ? नमक का एक टुकड़ा लीजिए और दखिए तो वह अत्यंत सूक्ष्म कणों से मिलकर बना हुआ पाया जायगा । इन कणो क तब तक और टुकड़े करते जाइए जब तक टुकड़ों में नमकपन बना रहे। इस प्रकार जब टुकड़े अतिम दशा को पहुँच जायँ अर्थात् ऐसे टुकड़े हो जायँ जिनके और टुकड़े करने से उनमें नमक का गुण न रह जायगा तब हम ऐसे टुकडो को अणु कहेगे। ये अणु नमक ही रहेगे । फिर इन अणुओं के भी यदि हम और टुकड़े करेंगे तो वे परमाणु होगे और नमक न रह जायँगे अर्थात् उनमे से कुछ क्लोराइन के परमाणु होगे और कुछ सोडियम के। इसी से कहा जाता है कि क्लोराइन और सोडियम के रासायनिक मिश्रण से--अर्थात् परमाणुओ के मिश्रण से--नमक बनता है। अतः नमक एक यौगिक पदार्थ है, मूल-


दूसर के अणुओ क निकले हुए परमाणुओं से मिल जात हैं जिस से एक तीसरे पदार्थ को उत्पत्ति होती है। जैसे, गधक के चूर्ण के साथ लाहचूर मिला कर यों ही रख दें तो यह साधारण मिश्रण हागा। इसी मिश्रण को यदि खूब तपाव जिससे अणु टूट जायँ और परमाणु अलग अलग होजायँ तो दोनों के परमाणुओं के मिलने से एक नए प्रकार के पदाथे की उत्पत्ति होगी। यह मिश्रण रासायनिक होगा।